प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के तीन साल पूरे


 


केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में दूरदर्शन स्टूडियो से पांच राज्यों यानी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के  प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत 20 नवंबर, 2016 को की गई थी जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी के लिए आवास उपलब्ध कराना था। आज इस योजना के तीन साल  पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री ने इस योजना के लाभार्थियों से बातचीत की।


इन पांच राज्यों के लाभार्थियों के साथ बातचीत के दौरान श्री तोमर ने कहा कि यद्यपि ग्रामीण गरीबों के लिए आवास योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से पहले भी मौजूद थी, लेकिन इसका कार्यान्वयन लालफीताशाही के कारण बहुत कमजोर था। प्रधानमंत्री के विजन के मार्गदर्शन में पीएमएवाई-जी योजना 20 नवंबर, 2016  को शुरू की गई थी। इस योजना को घरों में पानी, गैस, शौचालय और बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं शामिल करके अधिक व्यापक बनाया गया था। इस योजना के तहत घरों के निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है। इस योजना के तहत घरों के निर्माण की अवधि जो 2015-16 में 314 दिन थी घटाकर 114 दिन कर दी गई है। इसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मंच का उपयोग किया गया है। इस योजना के तहत घर का न्यूनतम क्षेत्रफल बढ़ा कर 25 वर्गमीटर किया गया।


उन्होंनें कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों 87 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। वर्ष 2022 तक 2 करोड़ 95 लाख घरों का निर्माण करने का लक्ष्य है। इससे 2022 तक ग्रामीण भारत में सभी को आवास उपलब्ध कराने का प्रधानमंत्री का सपना पूरा हो जाएगा। श्री तोमर ने बताया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पीएमएवाई-जी के तहत सभी घरों को विशेषज्ञों द्वारा उचित रूप से डिजाइन किया गया। इन घरों को टोपोलॉजी के आधार पर बनाया जा रहा है। ये घर जलवायु रोधी हैं। अधिकांश लाभार्थियों ने लगभग यही कहा है कि पक्का घर मिलने के बाद उनका जीवन ही बदल गया है और इससे उनके आत्मसम्मान, सामाजिक स्थिति और जीवन स्तर में सुधार हुआ है।  


 


पीएमएवाई-जी योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :-  


1.    ग्राम सभा द्वारा नियत सत्यापन के बाद सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) 2011 के तहत आवास वंचन मानदंडों और अपवर्जन मापदंडों के अनुसार लाभार्थियों की पहचान।


2.    मार्च, 2022 तक पात्र ग्रामीण परिवारों के लिए 2.95 करोड़ पक्के घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करना : - प्रथम चरण में एक करोड़ घर (2016-17 से 2018-19) और दूसरे चरण में 1.95 करोड़ घर (2019-20 से 2021-22)। 2019-20 के लिए निर्धारित लक्ष्य 60 लाख घरों का निर्माण पूरा करने का है, जिसमें से 51.05 लाख घर का लक्ष्य पहले ही राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित किया जा चुका है।


3.    मैदानी क्षेत्रों में इकाई सहायता बढ़ाकर 70,000 (आईएवाई) से 1.20 लाख रुपये तथा पहाड़ी राज्यों, पूर्वोत्तर राज्यों, कठिन क्षेत्रों और आईएपी जिलों में 75,000 (आईएवाई) से 1.30 लाख रुपये करना।


4.    एसबीएम-जी, मनरेगा या धन के अन्य समर्पित स्रोत के माध्यम से शौचालय निर्माण के लिए 12,000/- रुपये की सहायता राशि तथा इकाई सहायता से अलग मनरेगा के तहत 90-95 दिन की अकुशल मजदूरी का प्रावधान।


5.    घर के न्यूनतम इकाई क्षेत्रफल को 20 वर्गमीटर (आईएवाई) से बढ़ा कर 25 वर्गमीटर करना।


6.    वित्तीय संस्थानों से 70,000 रुपये तक की राशि का ऋण लेने के इच्छुक लाभार्थियों की सहायता करना।