इमरान खान की सरकार के बचे हैं गिने-चुने दिन: मौलाना फजलुर रहमान

नई दिल्ली। धर्मगुरु से नेता बने मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर ताजा हमला करते हए कहा कि सरकार का नेतृत्व कर रहे पाकिस्तान के गोबाचेव के रहे पाकिस्तान के गोर्बाचेव के पास अब गिनती के दिन बचे हैं। कट्टरपंथी मौलाना एवं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम- फज्ल (जेयूआई-एफ) के नेता ने दक्षिणी खैबर पख्तुनख्वा में मंगलवार को बन्न शहर में धरना-प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के नेताओं को चोर बुलाने के लिये प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधाउन्होंने आरोप लगाया कि चुनी हुई सरकार ने खान की बहन को नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस (एनआरओ) की पेशकश की है। रहमान ने दावा किया कि खान क नतृत्व स चल रहा खान के नेतृत्व से चल रही पाकिस्तान की तहरीक-ए- इंसाफ (पीटीआई) सरकार के दिन लद गये हैं। रहमान ने कहा, इस सरकार की जड़ें कट गयी हैं। इनके पास महज कुछ ही दिन रह गये हैं। उन्होंने कहा, इमरान खान की बहन को एनआरओ दिया गया है। हमें भी ऐसी सिलाई मशीन दी जाये जो आपको एक साल में 70 अरब रुपये कमा कर दे सके। नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस एक ऐसा अध्यादेश है जिसे भ्रष्टाचार. गबन, धन शोधन, हत्या और आतंकवाद के आरोपी के आरोपी नेताओं. राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को माफी देने के इरादे से 2007 में जारी किया गया था। रहमान ने कहा कि खान %पाकिस्तान का गोर्बाचेव बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस महीने की शरुआत में मौलाना ने ऐसा ही तेवर दिखाते हए प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने के लिये दो दिन का वक्त दिया था। मिखाइल गोर्बाचोफ सोवियत संघ के अन्तिम राष्ट्रपति थे। उन्हें शान्ति का नोबेल पुरस्कार मिला है। शीत युद्ध को समाप्त करने वाली वार्ता और सुधारों को अपनाने के लिये उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है। जेयूआई-एफ प्रमख ने कछ दिन पहले खान की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने रहमान के सरकार विरोधी प्रदर्शन को सर्कस बताया था। प्रधानमंत्री खान ने सोमवार को कहा था कि %आजादी मार्च प्रदर्शन के नाम पर इस्लामाबाद में सर्कस चल रहा है। उन्होंने कहा कि चदंबरम की प्रदर्शनकारी राजधानी में एक महीने भी नहीं टिक सकते हैं जबकि 2014 में उनकी पार्टी का प्रदर्शन 126 दिन चला था। रहमान ने 27 अक्टबर को कराची से अपने प्रदर्शन की शुरुआत की थी और हजारों समर्थकों केलावलश्करकेसाथ वह 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचे थे। रहमान के नेतृत्व वाली सरकार याचिका पर एससी विरोधी रैली को आजादी मार्च कहा जा रहा है जिसका मकसद मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाना है। एससी ने ईडी