रुरा कानपुर देहात। थाना रुरा क्षेत्र के अमौली ठाकुरान गांव में बना पशुपालन विभाग का पशु सेवा केंद्र इतना जर्जर हो चुका है की किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। अमौली ठाकुरान का यह पशु सेवा केंद्र तहसील डेरापुर क्षेत्र में आता है जिसकी इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। मगर इस सब को देखते हुए भी पशुपालन विभाग के उच्च अधिकारी आंखों में पट्टी बांधे हुए नजर आ रहे हैं। अमौली ठाकुरान के भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने जर्जर भवन को देखकर जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया तथा जिले के प्रभारी मंत्री महेश गुप्ता जी तक जर्जर भवन की बात पहुंचाई तब इसके बाद भी पशुपालन विभाग के कानों में जू तक न रेंगी।आपको बता दे कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों को शासन प्रशासन का कोई भय नही है । अमौली ठाकुरान का पशु सेवा केंद्र की बिल्डिंग पूरी तरीके से जर्जर हो चुकी है यहां तक उसमें ना खिड़की है ना ही कोई दरवाजा और छत भी रह रह कर टूट रही है ऐसे में पशुपालन विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि सरकार द्वारा किसी भी संस्थान को चलाया जाता है तो उसके रखरखाव के लिए शासन द्वारा धन आवंटन किया जाता है। फिर भी पशुपालन विभाग के अधिकारी इस विषय में ध्यान नहीं दे रहे जबकि कर्मचारियों की जान जोखिम में डालकर उनसे विभागीय कार्य कराया जा रहा है ऐसे में कर्मचारी की जान को खतरे में डालकर कानपुर देहात के पशुपालन विभाग के अधिकारी अपने कर्मचारियों की जान की चिंता न करते हुए उनसे संस्था पर बैठालकर काम करा रहे हूं। लगता है जिले के पशुपालन विभाग के अधिकारी जब तक कोई बड़ा कदम नही उठाएंगे जब कोई बड़ी दुर्घटना नही होगी । जब मंडल अध्यक्ष सिठमरा ने फोन पर पशु सेवा केंद्र की जानकारी दी।तक फोन द्वारा पशुधन प्रसार अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष निरंजन सिंह से बात हुई तो उन्होंने बताया कि अमौली ठाकुरान पशु सेवा केंद्र ही नहीं कानपुर देहात के अधिकतर पशु सेवा केंद जर्जर हो चुके हैं या फिर वहां पर पदस्थ कर्मचारी किराए के भवन में संस्था संचालित कर रहे हैं जो लगभग हर महीने बिल्डिंग का किराया एक हजार से 1500 रुपए प्रतिमाह अपनी जेब से लगा रहे हैं। इस बात की पूरी जानकारी जिले के उच्च आधिकारियों के पास रहती है फिर भी वह इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।पशु सेवा केंद्र के संचालकों की माने तो लगभग ढाई साल हो गए हैं अभी तक इन केंद्रों में कीड़े तक की दवा नहीं पहुंचाई गई है। ऐसे में पशु सेवा केंद्र चलाने में दिक्कत आ रही है।पशुधन प्रसार अधिकारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । जिसके कारण ग्रामीणों की हमेशा पशुधन प्रसार अधिकारी से शिकायत रहती है कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कोई दवा निशुल्क में नहीं दी जाती जबकि प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवा वितरण का काम होता है।
पशुपालन विभाग के पशु सेवा केंद्र भगवान भरोसे