रुरा कानपुर देहात। रूरा राजकीय पशु चिकित्सालय के डॉ आई ए सिद्दीकी ने गुरुवार को राजकीय पशु अस्पताल में मीडिया कर्मियों को कोरोना वायरस को लेकर दी जानकारी। उन्होंने बताया कि अमेरिका में बाघ व हांगकांग में बिल्लियों में कोरोनावायरस मिलने की रिपोर्ट ने जानवर पाली वालों को दहशत में डाल दिया है। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आई ए सिद्दीकी की रुरा कानपुर देहात ने बताया कि इसमें अधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कुत्ते या बिल्ली की प्रजाति के पशुओं में होने वाला कोरोना वायरस कोविड 19 से भिन्न है। बीते 4 माह में 200 से अधिक देश कोरोनावायरस से जूझ रहे हैं शोधकर्ता दिन रात मेहनत कर इसकी कारगर औषधि ढूंढने में लगे हैं। अमेरिका हांगकांग से मादा बाघ और बिल्ली के कुरौना की खबर से भय का माहौल उत्पन्न हो गया है वास्तविकता में मानव से मानव में फैलने वाला नोबेल करो ना और पालतू जानवरों में होने वाले कोरोना संक्रमण में काफी अंतर है। डॉक्टर आई ए सिद्धकी ने बताया कि पालतू जानवरों पर डेढ़ दशक पहले से ही कोरोना वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा। फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि वायरस तरह-तरह की प्रकृति बदल रहा है कोविड 19 संक्रमण में बुखार के साथ-साथ खांसी एवं श्वसन तंत्र से फेफड़ो को सबसे पहले नुकसान होता। यह अधिक उम्र के मनोज या पहले से बीमार संकरण व्यक्ति और बुजुर्गों को तीव्रता से अपना शिकार बनाता है जबकि पालतू जानवरों में होने वाला को रोना आंतों को संक्रमित करता है। इसके लक्षण मैं उसको बुखार उल्टी दस्त की समस्या होती है। अपने साथ-साथ पालतू जानवरों को भी भीड़भाड़ वाली जगह को अपेक्षित कदापि ना छोड़े किसी बाहरी व्यक्ति को अपने पालतू जानवर सेना मिलने दे। पादु जानवर में कोई समस्या दिखाई दे तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सालय जागरण अपने पालतू पशुओं को पशु चिकित्सा अधिकारी को दिखा कर उसकी सलाह ले।
जानवरो में होने वाला कोरोना इंसानों से भिन्न