युवा गौरव। एस पी सिंह, एन के गुप्ता
मितौली, सिंगाही लखीमपुर खीरी। कहते हैं कि मौसम कब करवट बदल ले, किसी को भी पता नहीं। पिछले दो दिनों कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है। जी हां मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। तेज हवाओं के साथ गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार तक जारी है। लगातार कभी झमाझम तो कभी रिमझिम फुहार हो रही है। तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले गिरने से खेतों में फसल चौपट हो गई है। किसानों के माथे पर चिंता की रेखा नजर आने लगी हैं। पौष के महीने में असाढ़ जैसी झमाझम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं गलन और ठंड भी बढ़ गई है। मौसम विशेषज्ञों ने तीन दिन बारिश के आसार जताए हैं।
मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों को किया परेशान
मौसम के बिगड़े मिजाज ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। गुरुवार की दोपहर से शुरू हुई बारिश रुक-रुककर देर रात तक जारी रही। मौसम के इस तेवर से ठंड बढ़ गई। लोग अलाव के पास चिपके रहे। लगातार बारिश से लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में भी विलंब हुआ। बाजारों में सरे आम सन्नाटा पसर गया। मौसम का मिजाज बिगड़ेगा इसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान था कि बूंदाबादी होगी। मौसम ठीक उसी चाल से चला। गुरुवार की रात से ही आसमान में बादल छाने के आसार नजर आने लगे। रात होते-होतेे घने बादल छा गए। फिर सुबह करीब चार बजे से बूंदाबादी शुरू होने के साथ ही तेज बरसात जारी रही। इससे वातावरण में ठंडक बढ़ गई। सुबह से रात तक करीब दस मिमी बारिश हुई। शुक्रवार की सुबह से कभी झमाझम तो कभी रिमझिम बारिश हो रही है। ऐसे में गलन भरी ठंड भी बढ़ गई है।
बारिश से बुझे अलाव, कैसे दूर हो ठंड
शुक्रवार को वातावरण में गलन बढ़ऩे से सड़क पर चलते राजगीर मफलर टोपी लगाए नजर आए। बाजारों से ग्राहक व दुकानदार कम दिखे । दुकानों के आगे जगह-जगह अलावा जलाए गए। वहीं शुक्रवार की सुबह से लोग सार्वजनिक स्थलों पर अलाव भी नहीं जला पा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश ने परेशानी उत्पन्न कर दी है। घरों में ही लोगों ने अलाव की व्यवस्था किया है। शहर की घनी बस्तियों में ठंड का प्रकोप कम है लेकिन खुले स्थानों और ग्रामीण इलाकों में गलन चरम पर है।